प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर, मध्य प्रदेश में 550 टन क्षमता वाले “गोबर-धन (बायो-सीएनजी) प्लांट” का उद्घाटन किया।
गोबर-धन क्या है?
गीला शहरी घरेलू कचरा और मवेशियों और खेत से निकलने वाला कचरा गोबर धन है।
गोबर-धन (बायो-सीएनजी) संयंत्र के बारे में
- इसको 150 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
- यह एशिया का सबसे बड़ा गोबर-धन (बायो-सीएनजी) प्लांट है।
- प्लांट जीरो-लैंडफिल मॉडल पर आधारित है, जिसका मतलब है कि कोई रिजेक्ट नहीं होगा।
- इंदौर गोबर धन बायो सीएनजी प्लांट प्रतिदिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन प्रतिदिन जैविक खाद का उत्पादन करेगा।
जैव सीएनजी संयंत्र की आवश्यकता और लाभ?
- देश भर में दशकों से लाखों टन कचरे ने हजारों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है जिसकी वजह से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है जो कि बीमारियों के फैलने का प्रमुख कारण है।
- ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी, हरित ऊर्जा प्रदान करना; और जैविक खाद उर्वरक के रूप में।
- आने वाले दो वर्षों में 75 बड़े नगर निकायों में ऐसे गोबर धन बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है।
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