राष्ट्र 14 अप्रैल 2022 को भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पी डॉक्टर भीम राव आम्बेडकर को उनकी एक सौ 31वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। इस अवसर पर देशभर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। 14 अप्रैल 2022 की सुबह को संसद भवन परिसर में बाबा साहिब की प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए जाएंगे।

एक महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री और कुशाग्र राजनीतिज्ञ डॉक्टर बी.आर. आम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन जनहित के लिए समर्पित कर दिया। वंचित वर्गों के प्रति सामाजिक और जातिगत भेदभाव समाप्त करने के लिए वे जीवनभर संघर्षरत रहे। वह स्वतंत्र भारत के पहले विधि और न्याय मंत्री बनाये गये। वर्ष 1990 में उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर आम्बेडकर ने राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई। वे कुशल अर्थशास्त्री तथा मानवाधिकार और महिला सशक्तीकरण के समर्थक थे। उन्होंने समाज में सद्भाव को बढावा देते हुए जाति व्यवस्था की बुराईयों को समाप्त करने का प्रयास किया। श्री कोविन्द ने कहा कि डॉक्टर आम्बेडकर गरीबों और पिछडे वर्गों के अधिकारों के लिए लगातार कार्य करते रहे।