केन्द्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच ‘कवच’ कार्य प्रणाली के परीक्षण का निरीक्षण 4 मार्च 2022 को किया।

कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी प्रणाली है और भारतीय रेलवे में ट्रेन संचालन में सुरक्षा के कॉर्पोरेट उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा परीक्षण की सुविधा है। यह सुरक्षा अखंडता स्तर – 4 मानकों की अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है।
कवच:
कवच का मतलब ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पास करने और टक्कर से बचने के लिए सुरक्षा प्रदान करना है। यदि चालक गति प्रतिबंधों के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय कर देता है। इसके अलावा, यह कार्यात्मक कवच प्रणाली से लैस दो इंजनों के बीच टकराव को रोकता है।
कवच की विशेषताए:
- खतरे पर सिग्नल पासिंग की रोकथाम (एसपीएडी)
- ड्राइवर मशीन इंटरफेस (डीएमआई) / लोको पायलट ऑपरेशन कम इंडिकेशन पैनल (एलपीओसीआईपी) में सिग्नल पहलुओं के प्रदर्शन के साथ मूवमेंट अथॉरिटी का निरंतर अद्यतन
- ओवर स्पीडिंग की रोकथाम के लिए स्वचालित ब्रेक लगाना
- समपार फाटकों के पास पहुंचते समय ऑटो सीटी बजना
- कार्यात्मक कवच से लैस दो इंजनों के बीच टकराव की रोकथाम
- आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश
- नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी।
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