5 जून 2025 को भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष सारनाथ पहुँचे, जहाँ उनका स्वागत पारंपरिक मंत्रोच्चार, सरकारी सम्मान और सैकड़ों भिक्षुओं व श्रद्धालुओं की उपस्थिति में मूलगंध कुटी विहार में किया गया।
ये अवशेष नेशनल म्यूज़ियम, नई दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू कर हवाई मार्ग से वाराणसी लाए गए और फिर एक भव्य शोभायात्रा के माध्यम से सारनाथ पहुंचाए गए।
जिला अधिकारी सत्येन्द्र कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने वाराणसी हवाई अड्डे पर इनका स्वागत किया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया, साथ ही एनसीसी कैडेट्स और सेरेमोनियल बैंड ने भी भाग लिया।
प्रमुख बिंदु:
- बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणियाँ और श्रद्धालु श्रद्धांजलि देने एकत्रित हुए।
- श्रद्धेय सीवाली भंते ने वियतनाम में अवशेषों के प्रदर्शन के दौरान जनता की श्रद्धा के अनुभव साझा किए।
- अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, राष्ट्रीय संग्रहालय और वरिष्ठ भिक्षुओं के अधिकारी उपस्थित रहे।
यह आयोजन सारनाथ की वैश्विक आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करता है, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
यह कार्यक्रम वैश्विक बौद्ध समुदायों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है।