भारत ने अमृत मिशन के 10 वर्ष पूरे किए: 2015 से शहरी बुनियादी ढांचे में बदलाव
25 जून 2025 को अटल मिशन फॉर रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) की 10वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 2015 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य 500 शहरों और कस्बों में शहरी बुनियादी ढांचे और जीवन स्तर को बेहतर बनाना था। मिशन ने विशेष रूप से जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी गतिशीलता और हरित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया।
पिछले 10 वर्षों में प्रमुख उपलब्धियाँ:
- ₹77,640 करोड़ के राज्य वार्षिक कार्य योजना (SAAPs) को मंज़ूरी
- ₹35,990 करोड़ की केंद्र सरकार द्वारा सहायता स्वीकृत
- ₹79,401 करोड़ के परियोजनाएँ पूर्ण, जिनमें ₹72,656 करोड़ खर्च किए गए
मुख्य उपलब्धियाँ:
- हर घर नल जल और सीवरेज कनेक्शन
- बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए परियोजना लागत का 2.5% पार्क विकास में निवेश
- स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज, गैर-मोटर चालित परिवहन, और हरित स्थानों की परियोजनाएँ
- शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में क्षमता निर्माण और बेहतर प्रशासन
AMRUT 2.0 की शुरुआत – 1 अक्टूबर 2021 से
AMRUT के प्रभाव को व्यापक बनाने के लिए AMRUT 2.0 लॉन्च किया गया, जो भारत के सभी शहरी स्थानीय निकायों को कवर करता है। इसका उद्देश्य:
- सर्वजन जल सुरक्षा और सीवरेज कवरेज सुनिश्चित करना
- ₹2.99 लाख करोड़ का कुल परिव्यय, जिसमें ₹76,760 करोड़ केंद्रांश
AMRUT 2.0 के अंतर्गत:
- 3,568 जल आपूर्ति परियोजनाएँ, मूल्य ₹1.14 लाख करोड़
- 181 लाख नल कनेक्शन, 10,647 MLD जल उपचार क्षमता
- 592 सीवरेज परियोजनाएँ, मूल्य ₹67,607 करोड़
- 67.11 लाख सीवरेज कनेक्शन, 6,739 MLD सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता
- SCADA तकनीक का 1,487 परियोजनाओं में उपयोग – रीयल-टाइम निगरानी
- 82 शहरों में 120 स्टार्टअप्स को नवाचार के लिए चयनित
AMRUT + AMRUT 2.0 की संयुक्त उपलब्धियाँ:
- 14,828 परियोजनाएँ स्वीकृत, मूल्य ₹2.73 लाख करोड़
- ₹1.02 लाख करोड़ केंद्र सहायता (₹47,625 करोड़ वितरित)
- 2.03 करोड़ नल जल कनेक्शन, 1.5 करोड़ सीवरेज कनेक्शन
- 544 जल निकाय पुनर्जीवित, कुल क्षेत्रफल 9,511 एकड़
- AMRUT मित्र पहल के तहत 10,000+ स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की भागीदारी
- ‘ड्रिंक फ्रॉम टैप’ के तहत 381 परियोजनाएँ, मूल्य ₹23,490 करोड़, लाभार्थी 8 लाख घर
- 90,000+ व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया
AMRUT@10 – भारत के शहरी कायाकल्प में एक नया युग
AMRUT@10 भारत में शहरी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है—जहाँ बुनियादी ढांचे का विकास, समावेशिता, सततता, और नागरिक कल्याण को साथ लेकर भविष्य के लिए तैयार शहरों की नींव रखी जा रही है।