30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक स्वर्ण जयंती पार्क, रोहिणी (नई दिल्ली) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन 2025 में स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ मनाई गई। अमेरिका, नीदरलैंड, नेपाल, युगांडा और सूरीनाम सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और आर्य समाज के वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए आर्य समाज को भारत की वैदिक पहचान और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बताया। उन्होंने सामाजिक बुराइयों और औपनिवेशिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए स्वामी दयानंद की प्रशंसा की और लाला लाजपत राय और राम प्रसाद बिस्मिल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों पर इस आंदोलन के प्रभाव का उल्लेख किया।
महासम्मेलन में वैदिक मंत्रोच्चार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शिक्षा, लैंगिक समानता और सतत विकास पर चर्चाएँ शामिल थीं। दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में युवाओं की भागीदारी, सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा दिया गया और आर्य समाज के सत्य, विश्व बंधुत्व और सामाजिक उत्थान के सिद्धांतों की पुष्टि की गई।
कुल मिलाकर, यह आयोजन आर्य समाज की 150 साल पुरानी विरासत और एक न्यायपूर्ण, प्रबुद्ध और आध्यात्मिक रूप से आधारित समाज के निर्माण के उसके स्थायी मिशन के प्रति एक वैश्विक श्रद्धांजलि थी।




