जीएसटी परिषद ने दरों में बड़े पैमाने पर संशोधन को मंजूरी दी; बीमा और जीवन रक्षक दवाएं जीएसटी मुक्त

3 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में आम आदमी, किसानों, श्रम-प्रधान उद्योगों और स्वास्थ्य क्षेत्र को लाभ पहुँचाने के लिए व्यापक कर-युक्तिकरण सुधारों को मंज़ूरी दी गई।

🔑 प्रमुख निर्णय:

  • कर स्लैब में कमी → चार जीएसटी स्लैब को 12% और 28% की दर को समाप्त करके, 5% और 18% को बरकरार रखते हुए, दो स्लैब में विलय कर दिया गया।
  • बीमा → सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों को जीएसटी से छूट दी गई है, जिनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियाँ शामिल हैं।
  • दवाइयाँ →
    • 33 जीवन रक्षक दवाएँ: जीएसटी 12% से घटाकर → शून्य।
    • 3 कैंसर और दुर्लभ रोगों की दवाएँ: जीएसटी 5% से घटाकर → शून्य।
    • अन्य दवाएँ: 12% → 5%।
    • चिकित्सा उपकरण और उपकरण: 18% → 5%।
  • दैनिक उपयोग की वस्तुएँ → हेयर ऑयल, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, साइकिल, रसोई के बर्तन, आदि → केवल 5% जीएसटी।
  • खाद्य पदार्थ → नमकीन, नूडल्स, चॉकलेट, सॉस, पास्ता, घी, मक्खन, कॉफ़ी, आदि → 12%/18% → 5%।
    • दूध (यूएचटी), पनीर, छेना, भारतीय ब्रेड → 0% जीएसटी।
  • उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ → एसी, टीवी, डिशवॉशर, छोटी कारें और मोटरसाइकिल → 28% → 18%।
  • कृषि → सभी कृषि उपकरण → 12% → 5%।

वित्तीय प्रभाव: ₹48,000 करोड़ का राजस्व नुकसान, लेकिन वित्तीय रूप से टिकाऊ माना गया।

बैठक में भागीदारी: देश भर के केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और वित्त मंत्रियों ने भाग लिया।

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