रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सक्रिय कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण करके हाइपरसोनिक तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। DRDL हैदराबाद में एक नए अत्याधुनिक स्क्रैमजेट कनेक्ट टेस्ट फैसिलिटी में आयोजित यह परीक्षण जनवरी में किए गए पिछले 120 सेकंड के परीक्षण पर आधारित है।
यह उपलब्धि भारत को पूर्ण पैमाने पर उड़ान के योग्य स्क्रैमजेट इंजन विकसित करने के करीब ले आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, उद्योग और शिक्षा जगत की प्रशंसा करते हुए इसे महत्वपूर्ण हाइपरसोनिक हथियार तकनीक विकसित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
मैक 5 से अधिक गति से यात्रा करने वाली हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें स्क्रैमजेट जैसी एयर-ब्रीदिंग प्रोपल्शन सिस्टम पर निर्भर करती हैं और यह परीक्षण लंबी अवधि के कॉम्बस्टर डिज़ाइन और नए परीक्षण बुनियादी ढांचे दोनों को मान्य करता है।