अवलोकन तिथि: 26 जून
2025 की थीम: “दुष्चक्र तोड़ो। #संगठितअपराधरोकें”
🧭 पृष्ठभूमि
1987 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित यह दिवस नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ वैश्विक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इसका उद्देश्य व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर मादक पदार्थों के विनाशकारी प्रभाव के प्रति जागरूकता फैलाना और नशामुक्त विश्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
🔍 यह क्यों महत्वपूर्ण है
- वैश्विक प्रभाव: 2022 में 292 मिलियन से अधिक लोगों ने मादक पदार्थों का सेवन किया — यह पिछले दशक की तुलना में 20% की वृद्धि है।
- स्वास्थ्य संकट: 6.4 करोड़ लोग नशीली दवाओं के उपयोग विकारों से ग्रस्त हैं, जिनमें ओपिओइड्स (opioids) ओवरडोज़ से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हैं।
- संगठित अपराध: अवैध मादक पदार्थ व्यापार हिंसा, भ्रष्टाचार और अस्थिरता को बढ़ाता है, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में।
🧩 2025 की थीम: “दुष्चक्र तोड़ो। #संगठितअपराधरोकें”
इस वर्ष की थीम मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के बीच के संबंध को तोड़ने की आवश्यकता को उजागर करती है। इसमें ज़ोर दिया गया है:
- शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय व्यवस्था के माध्यम से रोकथाम में निवेश
- समुदायों को सशक्त बनाकर उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
- आपराधिक नेटवर्क को समाप्त करने के लिए वैश्विक सहयोग
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया
भारत इस दिवस को निम्न पहलों के माध्यम से मनाता है:
- नशा मुक्त भारत अभियान – नशामुक्त भारत के लिए जन-आधारित अभियान
- स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर जागरूकता रैलियाँ, सेमिनार और संकल्प
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्थानीय पुलिस द्वारा चलाए जा रहे प्रवर्तन अभियान