भारत ने पहली स्वदेशी एमआरआई मशीन विकसित की, जिसे क्लिनिकल परीक्षण के लिए दिल्ली एम्स में स्थापित किया जाएगा

भारत ने अपनी पहली स्वदेशी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) मशीन विकसित की है। इस मशीन को अक्टूबर 2025 तक क्लीनिकल ट्रायल के लिए एम्स दिल्ली में स्थापित किया जाना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत SAMEER (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) के सहयोग से विकसित की गई MRI मशीन का उद्देश्य आयातित चिकित्सा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करना है, जो वर्तमान में 80-85% उपकरणों के लिए जिम्मेदार है। घरेलू स्तर पर MRI मशीनों का उत्पादन करके, भारत चिकित्सा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य सेवा लागत को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है।
इस पहल से MRI स्कैन को अधिक किफायती और बड़ी आबादी के लिए सुलभ बनाने की उम्मीद है, जिससे स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य और पहुंच में चुनौतियों का समाधान होगा। यह विकास नवाचार को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के भारत के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है।

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