भारत ने 2025 में पेट्रोल में 20% एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो कि इसके मूल 2030 लक्ष्य से पाँच साल पहले है। यह घोषणा पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की। एथनॉल मिश्रण 2014 में 1.5% से बढ़कर 2025 में 20% तक पहुँच गया, जो स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस परिवर्तन से बड़े आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ हुए हैं:
- ₹1.36 लाख करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत, कच्चे तेल के आयात में कमी से
- ₹1.96 लाख करोड़ का भुगतान डिस्टिलरियों को, जिससे जैव ईंधन क्षेत्र को बढ़ावा मिला
- ₹1.18 लाख करोड़ किसानों को भुगतान, ग्रामीण आय में वृद्धि
- 698 लाख टन CO₂ उत्सर्जन में कमी, जलवायु लक्ष्यों को समर्थन
एथनॉल मुख्य रूप से गन्ने और शीरे (मोलासेस) से प्राप्त होता है, जिससे यह कृषि क्षेत्र के समर्थन में भी सहायक है। केंद्र सरकार ने 2024–25 एथनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए एथनॉल की कीमत में वृद्धि को भी मंजूरी दी है, जिससे किसानों और डिस्टिलरों को और लाभ होगा।