राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में साहित्यिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

29 मई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में दो दिवसीय साहित्यिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत की भाषाई विविधता की समृद्धता पर जोर दिया और कहा कि देश की अनेक भाषाएं और बोलियां “भारतीयता” की भावना को प्रतिबिंबित करती हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने साहित्य के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेम और करुणा की संदर्भभूमि बदल सकती है, लेकिन इनकी मूलभूत भावनाएं सदैव एक जैसी बनी रहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक साहित्य को केवल उपदेशात्मक न होकर संवाद और सहभागिता को प्रोत्साहित करना चाहिए।

यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य निम्नलिखित विषयों पर रचनात्मक चर्चाओं को प्रोत्साहित करना है:

  • कवियों का मिलन
  • भारत का नारीवादी साहित्य
  • साहित्य में परिवर्तन बनाम परिवर्तन का साहित्य
  • वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारतीय साहित्य की नई दिशाएं

सम्मेलन का समापन देवी अहिल्याबाई होलकर की विरासत पर एक विशेष सत्र के साथ होगा।

इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने छह देशों — थाईलैंड, कोस्टा रिका, सेंट किट्स एंड नेविस, तुर्किए, बांग्लादेश और कज़ाखस्तान — के राजदूतों से उनके परिचय पत्र भी स्वीकार किए।

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