आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने उत्तराखंड में सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ने वाले 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। 5 मार्च 2025 को घोषित इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक तक पहुंच में सुधार करना है।
केदारनाथ रोपवे: मुख्य परियोजना विवरण
- परियोजना का प्रकार: डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (DBFOT) मॉडल
- अनुमानित लागत: ₹4,081.28 करोड़
- प्रयुक्त तकनीक: ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S)
- क्षमता: प्रति घंटे 1,800 यात्री (प्रत्येक दिशा में)
- प्रतिदिन यात्रियों की संख्या: 18,000 तीर्थयात्री
केदारनाथ: एक पवित्र तीर्थस्थल
केदारनाथ, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11,968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ मंदिर हर साल अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दिवाली (अक्टूबर-नवंबर) तक 6 से 7 महीने के लिए खुला रहता है, जहाँ सालाना लगभग 20 लाख तीर्थयात्री आते हैं।
रोपवे से तीर्थयात्रियों को क्या लाभ होगा
फिलहाल, केदारनाथ की यात्रा में गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें पैदल 8 से 9 घंटे लग सकते हैं। तीर्थयात्री अक्सर सहायता के लिए टट्टू, पालकी या हेलीकॉप्टर सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।
नए सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के साथ, यात्रा का समय काफी कम होकर सिर्फ़ 36 मिनट रह जाएगा।