सांख्यिकी दिवस 2025 (29 जून): एनएसएस और महालनोबिस की विरासत के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न

हर साल 29 जून को भारत में सांख्यिकी दिवस (Statistics Day) मनाया जाता है, जिसे प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती की स्मृति में समर्पित किया गया है। उन्हें भारतीय सांख्यिकी का जनक (Father of Indian Statistics) माना जाता है। यह दिवस भारत सरकार द्वारा 2007 में आरंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक नीतियों, आर्थिक योजना और प्रमाण-आधारित शासन में सांख्यिकी की अहम भूमिका को उजागर करना है।


📌 क्यों है यह दिवस महत्वपूर्ण?

सांख्यिकी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और रोज़गार जैसे क्षेत्रों में डेटा आधारित निर्णय कितने आवश्यक हैं। यह विशेष रूप से युवाओं में सांख्यिकीय साक्षरता (Statistical Literacy) को बढ़ावा देता है और समावेशी व सतत विकास के लिए डेटा के उपयोग को प्रोत्साहित करता है।


🎯 2025 की थीम: राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण के 75 वर्ष

इस वर्ष का विषय “राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS) के 75 वर्ष” है। NSS भारत की सांख्यिकीय संरचना की एक महत्वपूर्ण आधारशिला है, जिसने दशकों से विश्वसनीय सामाजिक-आर्थिक डेटा एकत्र करने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे सरकार की योजनाएं और नीतिगत निर्णय सशक्त बने हैं।


🧠 पी.सी. महालनोबिस की विरासत

1893 में जन्मे महालनोबिस ने सांख्यिकी के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कार्य किए:

  • उन्होंने प्रसिद्ध “Mahalanois Distance” की अवधारणा दी
  • 1931 में Indian Statistical Institute (ISI) की स्थापना की
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना में प्रमुख भूमिका निभाई
  • NSSO और CSO जैसी आधुनिक सांख्यिकीय संस्थाओं की नींव रखी

🎉 उत्सव और पहलें

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) इस दिन को निम्नलिखित गतिविधियों से मनाता है:

  • “Nutritional Intake in India” और “SDG Progress Report 2025” जैसे प्रमुख रिपोर्टों का विमोचन
  • GoIStat मोबाइल ऐप का शुभारंभ – जिससे सरकारी डेटा तक आसान पहुंच मिल सके
  • विश्वविद्यालयों और संस्थानों में सेमिनार, कार्यशालाएं और छात्र प्रतियोगिताएं

यह दिवस हमें यह समझने का अवसर देता है कि सटीक और समय पर डेटा न केवल नीति निर्माण बल्कि एक सशक्त और न्यायसंगत भारत के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है।

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