दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 ने 24 मई को केरल में समय से पहले दस्तक दी, जो तय समय से आठ दिन पहले पहुंचा, जो हाल के वर्षों में सबसे जल्दी आने वाले मानसूनों में से एक है। यह पहले ही महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है, जिससे तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी की है, जिससे खरीफ फसल के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद बढ़ गई है। समय से पहले आने का श्रेय मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन और तटस्थ एल नीनो और हिंद महासागर डिपोल स्थितियों सहित अनुकूल वायुमंडल-महासागर संबंधों को दिया जाता है।
हालांकि मानसून से कृषि और जल उपलब्धता को लाभ मिलने की उम्मीद है, लेकिन शहरी बाढ़ को लेकर चिंता बनी हुई है, खासकर मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में। मानसून की आगे की प्रगति इसके समग्र आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी।