8वां केंद्रीय वेतन आयोग (CPC)
जनवरी 2025 में आधिकारिक रूप से गठित किया गया था ताकि 50 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनभोगियों के वेतन, पेंशन और सेवा शर्तों की समीक्षा और संशोधन किया जा सके। इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना है।
🏛️ केंद्रीय वेतन आयोग के बारे में
केंद्रीय वेतन आयोग एक नियतकालिक निकाय है जिसे भारत सरकार द्वारा गठित किया जाता है ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रक्षा कर्मियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा की जा सके और उसमें आवश्यक परिवर्तन की सिफारिश की जा सके।
यह आम तौर पर हर 10 साल में गठित किया जाता है — 7वां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू हुआ था।
📅 8वें वेतन आयोग के प्रमुख विवरण
- घोषणा की गई: जनवरी 2025
- शर्तों का अनुमोदन (Terms of Reference): अक्टूबर 2025
- अध्यक्ष: न्यायमूर्ति रंजन प्रкаш देसाई (पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश)
- सदस्य:
- पुलक घोष (आईआईएम बेंगलुरु) – अंशकालिक सदस्य
- पंकज जैन (पेट्रोलियम सचिव) – सदस्य-सचिव
 
- रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा: 18 महीनों के भीतर
- लागू होने की संभावित तिथि: 1 जनवरी 2026
🎯 क्षेत्र और उद्देश्य (Scope and Objectives)
8वां वेतन आयोग निम्नलिखित विषयों पर समीक्षा और सिफारिशें करेगा:
- सरकारी कर्मचारियों की वेतन संरचना और भत्ते
- पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ
- सेवा शर्तें और कैरियर प्रगति
- राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर प्रभाव (क्योंकि कई राज्य सीपीसी की सिफारिशें अपनाते हैं)
- राजकोषीय अनुशासन ताकि कल्याण और बजट संतुलन बनाए रखा जा सके
👥 लाभार्थी (Beneficiaries)
- केंद्र सरकार के कर्मचारी (ग्रुप A, B, C)
- रक्षा कर्मी
- पेंशनभोगी
- वे स्वायत्त संस्थान जिनमें CPC की सिफारिशें लागू होती हैं




