इसरो ने स्पैडेक्स अनडॉकिंग प्रयोग पूरा किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पाडेक्स) मिशन के तहत अनडॉकिंग प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह भविष्य के अंतरिक्ष स्टेशनों, डीप-स्पेस मिशनों और सैटेलाइट सर्विसिंग के लिए आवश्यक स्वायत्त डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीकों को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
स्पाडेक्स मिशन की मुख्य विशेषताएं:
✅ शामिल उपग्रह: SDX-01 (चेज़र) और SDX-02 (लक्ष्य)
✅ अनडॉकिंग तिथि: 13 मार्च, 2025
✅ कक्षा की ऊँचाई: 45° झुकाव के साथ 460 किमी
✅ अनडॉकिंग से पहले उपग्रहों के बीच सफल शक्ति हस्तांतरण – दीर्घकालिक अंतरिक्ष संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
यह उपलब्धि भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन जैसे वैश्विक अंतरिक्ष नेताओं के साथ रखती है, जो कक्षीय डॉकिंग और पृथक्करण में इसरो की तकनीकी उत्कृष्टता को साबित करती है।
स्पैडेक्स से भविष्य के मिशनों को बढ़ावा मिलेगा
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसरो को बधाई देते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह उपलब्धि आने वाले प्रमुख मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी, जिनमें शामिल हैं:
🚀 भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (भारत का भविष्य का अंतरिक्ष स्टेशन)
🌕 चंद्रयान-4 (अगला चंद्र मिशन)
👨🚀 गगनयान (भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम)