भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के 50 वर्ष पूरे हुए
भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट ने 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं। 19 अप्रैल 1975 को प्रक्षेपित इस उपग्रह का नाम प्राचीन भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था।
इसरो द्वारा निर्मित और यूएसएसआर की सहायता से कपुस्टिन यार से प्रक्षेपित इस उपग्रह का उद्देश्य सौर भौतिकी, एरोनॉमी और एक्स-रे खगोल विज्ञान का अध्ययन करना था। आर्यभट्ट का डिज़ाइन 26-पक्षीय पॉलीहेड्रॉन था, जिसका व्यास 1.4 मीटर था और इसका वजन 360 किलोग्राम था। इसके 24 भाग सौर पैनलों से ढके हुए थे।
कक्षा में पाँच दिन रहने के बाद, बिजली की विफलता ने सभी प्रयोगों को रोक दिया, लेकिन फिर भी मूल्यवान डेटा और अनुभव प्राप्त हुए। इसने कुछ और दिनों तक संचार करना जारी रखा।
आर्यभट्ट ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के प्रवेश को चिह्नित किया, जिससे भारत कक्षा में उपग्रह भेजने वाला 11वाँ देश बन गया और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए आधार तैयार हुआ।