“द इमरजेंसी डायरीज़ – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर” का विमोचन: मोदी के आपातकाल के प्रतिरोध पर ध्यान केंद्रित
25 जून 2025 को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुस्तक “द इमरजेंसी डायरीज़ – इयर्स दैट फोर्ज़्ड अ लीडर” का विमोचन किया। यह पुस्तक आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को उजागर करती है, जब वे एक युवा RSS प्रचारक थे।
यह पुस्तक पाँच अध्यायों में विभाजित है और यह विश्लेषण करती है कि 1975–77 के आपातकाल ने मोदी की राज्य शक्ति, राजनीतिक सक्रियता और एक स्वस्थ विपक्ष की आवश्यकता को लेकर सोच को कैसे आकार दिया।
पुस्तक में आपातकाल को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का एक निर्णायक मोड़ बताया गया है, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता पर केंद्रीकृत और वंशवादी शासन के खतरे को रेखांकित किया गया है।
पुस्तक में मोदी के विचारों को उद्धृत किया गया है, जिनमें जोर दिया गया है:
- भारतीयों में लोकतंत्र की भावना
- आपातकाल के दौरान लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का लंबा संघर्ष
- संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की महत्ता
पुस्तक इस निष्कर्ष पर पहुँचती है कि आपातकाल को याद रखना आवश्यक है, ताकि लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता और संवैधानिक स्वतंत्रताओं के क्षरण के विरुद्ध सतर्कता को हमेशा बनाए रखा जा सके।