राज्य दिवस पर गोवा को उल्लास योजना के तहत पूर्ण साक्षर घोषित किया गया
30 मई 2025 को पणजी स्थित दीनानाथ मंगेशकर कला मंदिर में आयोजित 39वें राज्यत्व दिवस समारोह के दौरान गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने घोषणा की कि गोवा अब ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (New India Literacy Programme) के अंतर्गत पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है। यह उपलब्धि गोवा को भारत का दूसरा राज्य बनाती है जिसने 95% से अधिक साक्षरता का लक्ष्य पार किया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के 2030 तक पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य के अनुरूप है। मिजोरम इससे पहले, 20 मई 2025 को पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता प्राप्त करने वाला पहला राज्य बन चुका है।
हालाँकि PLFS रिपोर्ट 2023–24 के अनुसार गोवा की साक्षरता दर 93.60% बताई गई थी, लेकिन राज्य सरकार के अपने सर्वेक्षण में यह पाया गया कि गोवा ने पूर्ण साक्षरता की सीमा को पार कर लिया है।
यह उपलब्धि एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण (Whole-of-Government Approach) के माध्यम से संभव हो सकी, जिसमें पंचायत, नगरपालिका प्रशासन, सामाजिक कल्याण, महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों की भागीदारी रही। स्वयंपूर्ण मित्रों और फील्ड वर्करों ने अशिक्षितों की पहचान, शिक्षार्थियों की सहायता और जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई।
ULLAS योजना, जो 2022 में शुरू हुई और 2027 तक सक्रिय रहेगी, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों को लक्षित करती है और इसके पांच प्रमुख घटक हैं:
- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल
- प्रारंभिक शिक्षा
- व्यावसायिक कौशल
- सतत शिक्षा
अब तक 2.4 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 41 लाख स्वयंसेवी शिक्षक ULLAS मोबाइल ऐप पर पंजीकृत हो चुके हैं, और 1.77 करोड़ शिक्षार्थी साक्षरता मूल्यांकन में सम्मिलित हो चुके हैं।
गोवा की यह सफलता “जन-जन साक्षर” की भावना के तहत स्वयंसेवा, समावेशी शिक्षा, और समुदाय आधारित साक्षरता अभियानों की शक्ति को दर्शाती है, और अन्य राज्यों के लिए विकसित भारत 2030 की दिशा में एक प्रेरणास्रोत बनती है।