⚔️ सैन्य टकराव में वृद्धि
21 जून को इज़राइल ने ईरान के इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर पर दूसरा हवाई हमला किया, जिसका निशाना पहले से ही 13 जून को निशाना बनाए गए सेंट्रीफ्यूज स्थलों पर था।
ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के साथ पलटवार किया; कुछ मिसाइलें तेल अवीव और बेइत शान पर गिरीं, हालांकि अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया गया।
इज़राइल ने ईरान के तीन वरिष्ठ कमांडरों को मार गिराया, जिनमें एक शीर्ष हमास वित्तदाता भी शामिल था।
🇺🇸 संयुक्त राज्य अमेरिका का हस्तक्षेप
22 जून को अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान न्यूक्लियर स्थलों पर बंकर-बस्टर और क्रूज़ मिसाइलों से हमला किया।
राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने शांति की ओर कदम नहीं बढ़ाया तो “और भी बड़े हमले” किए जाएंगे।
💣 ईरान की प्रतिक्रिया और वैश्विक प्रभाव
ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका के हमलों को अवैध बताया और बदले की चेतावनी दी।
अमेरिका, भारत और अन्य देशों के नागरिकों को निकाला जा रहा है।
⛔ हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य पर खतरा
22 जून को ईरान की संसद ने सर्वसम्मति से हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद करने के पक्ष में मतदान किया — जो कि तेल और गैस के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
यह निर्णय अब ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहा है।