12 दिसंबर 2025 को, भारत सरकार ने कोयला संसाधनों के आसान, कुशल और पारदर्शी इस्तेमाल को पक्का करने के लिए CoalSETU पॉलिसी को मंज़ूरी दी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने लिया।
इस पॉलिसी के तहत, नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (NRS) कोल लिंकेज नीलामी पॉलिसी, 2016 के तहत ‘CoalSETU’ नाम से एक नई नीलामी विंडो शुरू की गई है। यह पॉलिसी किसी भी औद्योगिक इस्तेमाल और एक्सपोर्ट के लिए कोयला लिंकेज की लंबी अवधि की नीलामी को मुमकिन बनाती है, जिससे कोयले तक सही पहुंच पक्की होती है।
कोई भी घरेलू खरीदार अंतिम इस्तेमाल की परवाह किए बिना नीलामी में हिस्सा ले सकता है। CoalSETU के तहत मिले कोयला लिंकेज का इस्तेमाल खुद के इस्तेमाल, एक्सपोर्ट या कोयला धोने जैसे दूसरे कामों के लिए किया जा सकता है, लेकिन देश के अंदर दोबारा बेचना मना है।
इसके अलावा, लिंकेज धारकों को आवंटित कोयले का 50% तक एक्सपोर्ट करने की इजाज़त है और वे ग्रुप कंपनियों के बीच कोयले का इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं, जिससे ऑपरेशनल दक्षता और संसाधनों का सही इस्तेमाल बेहतर होता है।
