सरकार ने भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ का बजट मंज़ूर किया।

12 दिसंबर 2025 को, केंद्रीय कैबिनेट ने जनगणना 2027 कराने के लिए ₹11,718 करोड़ के बजट को मंज़ूरी दी।

जनगणना 2027 दो चरणों में होगी—पहला चरण (हाउसलिस्टिंग और आवास जनगणना) और दूसरा चरण (जनसंख्या गणना)। यह भारत की कुल मिलाकर 16वीं जनगणना होगी और आज़ादी के बाद 8वीं जनगणना होगी। भारत की जनगणना को दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास माना जाता है।

एक मुख्य बात यह है कि जनगणना 2027 में जाति गणना को शामिल किया जाएगा। यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना भी होगी, जिसमें डेटा कलेक्शन Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिए किया जाएगा।

इस काम के लिए लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। जनगणना 2027 में देश की पूरी आबादी को शामिल किया जाएगा, जिसमें आवास और जनसंख्या डेटा के लिए अलग-अलग प्रश्नावली का इस्तेमाल करके हर घर में घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा की जाएगी।

🔑 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्य तथ्य

बजट: ₹11,718 करोड़

वर्ष: 2027

जनगणना संख्या: कुल मिलाकर 16वीं, आज़ादी के बाद 8वीं

विशेषताएं: डिजिटल जनगणना और जाति गणना

शामिल फील्ड स्टाफ: ~30 लाख

प्रश्न: भारत में पिछली जनगणनाओं की तुलना में जनगणना 2027 को कौन सी मुख्य विशेषता अनोखा बनाती है?
A) इसमें केवल शहरी आबादी शामिल होगी
B) यह आज़ादी के बाद की पहली जनगणना होगी
C) यह मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भारत की पहली पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होगी
D) यह एक ही चरण में आयोजित की जाएगी

✅ सही उत्तर: C) यह मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भारत की पहली पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होगी
जनगणना 2027 में जाति गणना को शामिल किया जाएगा। यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना भी होगी, जिसमें डेटा कलेक्शन Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिए किया जाएगा।

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